Slide 1

जहाँ शिव स्वयं वास करते हैं – ओगड़नाथ महादेव धाम

शिव भक्ति, साधना और सेवा का केंद्र

Slide 2

परम तपस्वी की साधना यात्रा

गुरुजी की शीतकालीन और धूनी तपस्या – समर्पण और शक्ति का प्रतीक

Slide 3

भक्ति, सेवा और उत्सव – हर दिन एक पर्व

भंडारा, श्रावण मास, शिवरात्रि, और विशेष आयोजन

previous arrow
next arrow

श्री ओगड़नाथ महादेव मंदिर आश्रम भगवान शिव को समर्पित एक आध्यात्मिक स्थल है, जहाँ भक्तों को शांति, साधना और आत्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। यह स्थल न सिर्फ एक मंदिर है, बल्कि एक जीवनशैली है — भक्ति, सेवा और तपस्या से भरी हुई।

श्री दिगंबर नागराजपुरीजी महाराज एक ऐसे संत हैं जिन्होंने मात्र 13 वर्ष पूर्व सांसारिक जीवन को त्यागकर तपस्या और सेवा के मार्ग को अपनाया। उन्होंने गृहस्थ जीवन को त्यागते हुए आत्मिक शांति और भगवत भक्ति को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। गुरुजी ने बिना किसी प्रचार के, केवल साधना, मौन तप और सेवा के माध्यम से लोगों के हृदय में स्थान बना लिया। उनकी शीतकालीन और धूनी तपस्या, सच्ची श्रद्धा और आत्मबल की प्रतीक है। आज वह हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं। उनकी उपस्थिति से श्री ओगड़नाथ महादेव मंदिर, आश्रम में दिव्यता और ऊर्जात्मकता का वातावरण बना हुआ है।